माइक्रोवेव ओवन ट्रांसफार्मर विशेष प्रकार का ट्रांसफार्मर होता है, जिसका उपयोग माइक्रोवेव ओवन में उच्च वोल्टेज उत्पन्न करने के लिए किया जाता है। यह 50-60 हर्ट्ज़ एसी सप्लाई पर कार्य करता है। यह (220-240v) को बढ़ाकर 2000 से 4000 वोल्ट तक पहुंचा सकता है, जिससे मैग्नेट्रॉन को ऊर्जा मिलती है और माइक्रोवेव उत्पन्न होती हैं।
माइक्रोवेव ओवन ट्रांसफार्मर के प्रमुख घटक
- प्राइमरी वाइंडिंग (Primary Winding) – यह 220V या 110V एसी इनपुट प्राप्त करता है।इसमें मोटे कॉपर वायर का कुछ कम टर्न्स (Turns) होता है।
- सेकेंडरी वाइंडिंग (Secondary Winding) – यह हाई वोल्टेज उत्पन्न करता है (2000V-4000V)।इसमें बहुत पतले वायर के हजारों टर्न्स होते हैं।
- फिलामेंट वाइंडिंग (Filament Winding) – यह मैग्नेट्रॉन के हीटर को लगभग 3.3V सप्लाई देता है।इसमें मोटे वायर के कुछ ही टर्न्स होते हैं।
- लौह कोर (Iron Core) – यह विद्युत चुम्बकीय इंडक्शन को बनाए रखने में मदद करता है।
माइक्रोवेव ओवन ट्रांसफार्मर का कार्य
- वोल्टेज को बढ़ाना – यह इनपुट लो-वोल्टेज को हाई-वोल्टेज में परिवर्तित करता है।
- मैग्नेट्रॉन को पावर सप्लाई करना – हाई-वोल्टेज सप्लाई के माध्यम से यह मैग्नेट्रॉन को ऊर्जा देता है, जिससे माइक्रोवेव उत्पन्न होती हैं।
- फिलामेंट के लिए लो-वोल्टेज सप्लाई – मैग्नेट्रॉन के फिलामेंट को गर्म रखने के लिए 3.3V सप्लाई करता है।
माइक्रोवेव ओवन ट्रांसफार्मर के अनुप्रयोग
- माइक्रोवेव ओवन में हीटिंग के लिए
- हाई वोल्टेज पॉवर सप्लाई सिस्टम में
- DIY प्रोजेक्ट्स (स्पॉट वेल्डर, आर्क लाइट, इलेक्ट्रोमैग्नेट)
- वैज्ञानिक और औद्योगिक प्रयोगों में
सावधानियाँ
- हाई वोल्टेज डेंजरस होती है, गलत कनेक्शन से झटका लग सकता है।
- इन्सुलेशन का ध्यान रखें, ताकि शॉर्ट सर्किट न हो।
- ट्रांसफार्मर का प्रयोग सावधानी से करें, विशेष रूप से DIY प्रोजेक्ट्स में।
- यदि माइक्रोवेव ओवन का ट्रांसफॉर्मर खराब हो जाता है, तो इसे एक पेशेवर तकनीशियन द्वारा बदलना चाहिए, क्योंकि यह उच्च वोल्टेज के साथ काम करता है।
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